रायगढ़ : छत्तीसगढ़ हेल्थ फेडरेशन के बैनर तले राज्य में पहली बार पोस्टमार्टम और एमएलसी जैसे आपातकालीन सेवा होगी प्रभावित , जिसमें जिला- रायगढ़ के लगभग 400 से अधिक डॉक्टर,आर एच ओ,पर्यवेक्षक, और नर्स बहने इस हड़ताल में शामिल होंगे । अब तक का सबसे बड़ा आंदोलन ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक ,नर्सिग संवर्ग एवं डॉक्टर आंदोलन में होंगे शामिल छत्तीसगढ़ हेल्थ फेडरेशन के बैनर तले स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न संगठन अपने मांग को लेकर एकजुट होकर शासन से अपनी बात रखेंगे , जिसमें शासन के द्वारा घोषणा पत्र में शामिल स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों की वेतन विसंगति सुधारे जाने एवं मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री द्वारा कोविड-19 में लगे अमले को विशेष कोरोना भत्ता एवं वेतन विसंगति से जूझ रहे कई कैडर जैसे कि स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी, नर्सिंग केडर दोनों की वेतन विसंगति दूर करने का प्रयास आज तक नहीं किया गया है ,ज्ञात हो कि पिंगवा कमेटी माननीय मुख्यमंत्री जी स्वयं निर्देश देकर बनाया था जिसका रिपोर्ट 4 साल बाद भी सार्वजनिक नहीं किया गया है, ऐसे में मुख्यमंत्री जी के बातों पर और कमेटी पर कर्मचारी विश्वास कैसे करें । छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य कर्मियों के साथ लगातार हिंसात्मक घटना को लेकर आए दिन न्यूज़ देखने को मिलता है ऐसे में चिकित्सा क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों के मन में डर बना हुआ है, घटना पर लगाम हेतु ठोस कार्यवाही विभागीय एफ आई आर हो ।
डॉक्टर को चार स्तरीय वेतनमान प्रदान किए जाने, जूनियर डॉक्टर का स्टाइपेंड मे वृद्धि किए जाने की मांग शामिल है स्वास्थ्य विभाग में जहां 20 कर्मचारियों का सेट अप है वहां 7 से 10 के सेटअप में कार्य लिया जा रहा है, जिसमें कार्यरत कर्मचारियों में कार्य का लगभग दोगुना बोझ है इसके लिए सेटअप के आधार पर भर्ती किया जाए। समस्त जनरल अवकाश एवं अन्य अवकाश में भी विभाग के स्वास्थ्य कर्मी को कार्य करना पड़ता है ,अन्य विभाग में माननीय मुख्यमंत्री जी ने शनिवार तक अवकाश दिया है लेकिन स्वास्थ्य विभाग में अवकाश मिलना मुश्किल होता है जिसके लिए अवकाश के दिवस का अतिरिक्त भुगतान किया जाए ,ताकि सभी स्वास्थ्य कर्मी उत्साह के साथ कार्य कर सके ,लेकिन जिस तरह से स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य कर्मी का उत्साह बढ़ाना चाहिए बदले में उनका वर्तमान सरकार द्वारा सिर्फ छला गया है। आसपास के राज्यों में कोविड में समस्त स्वास्थ्य कर्मी को एक माह का अतिरिक्त वेतन प्रदान किया गया है, लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य सरकार इसके उलट स्वास्थ्य कर्मी का एक दिन का वेतन लेकर उसको और डिप्रेशन करने का कार्य किया है, सभी कार्यक्रम में स्वास्थ्य कर्मचारी से दबाव पूर्ण कार्य लेकर प्रदेश को कई अवार्ड दिलाने वाले स्वास्थ्य कर्मी के बारे में बिल्कुल भी कुछ घोषणा न करने से प्रदेश के 40000 कर्मचारी परेशान है, इसके लिए अस्पताल बंद कर सड़कों में उतरने को विवश है।