खबर सचतक लैलूंगा : विधान सभा चुनाव को लेकर भाजपा ने 90 विधान सभा में से 85 सीटों पर अपने प्रत्यासियों को चुनाव मैदान में उतारा है । वहीं कांग्रेस पार्टी ने भी 30 सीटों पर टिकिट कि घोषणा कर दी है । और बाकी के 60 सीटों के लिए पार्टी आला कमान ने किसे कहां से टिकिट देना है इसे लेकर पार्टी ने सभी औपचरिताएँ पूरी कर ली है । यह एक या दो दिनों के अंदर घोषणा होने की पूरी संभावना है । वहीं छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के लैलूंगा विधान सभा कि हम बात करें तो भाजपा ने पूर्व विधायक एवं संसदीय सचिव श्रीमति सुनीति राठिया को टिकिट देकर चुनाव मैदान में उतारा है । जहाँ वे जनता के बीच जाकर चुनाव प्रचार करना प्रारम्भ कर दी हैं, तो वहीं अभी तक कांग्रेस पार्टी के ससक्त दावेदारों में से वर्तमान विधायक चक्रधर सिंह सिदार, पूर्व विधायक हृदय राम राठिया, जिला महिला कांग्रेस कि अध्यक्ष श्रीमति विद्यावती सिदार, लघु वनोपज संघ रायगढ़ के अध्यक्ष सुरेन्द्र सिदार तथा वर्तमान विधायक कि बहू यशोमति सिदार आदि के नामों कि चर्चा जोरों पर है । तो देखना होगा कि इनमें से पार्टी आला कमान किसे विश्वास कर टिकिट देकर चुनाव मैदान में उतारती है । यह तो देखने वाली बात है एक तरफ लोगों का कहना है कि वर्तमान विधायक के बारे में अब तक के जितने भी सर्वे हुए हैं उन सभी सर्वे रिपोर्ट के आधार सर्वे रिपोर्ट सही नही गया है।
ऐसे में वर्तमान विधायक चक्रधर सिंह सिदार की टिकिट कट सकती है ऐसा माना जा रहा है । अगर इनकी टिकिट कटती है तो वे सायद उनकी बहू यशोमती सिंह सिदार के लिए टिकिट मांग सकते हैं । ऐसा भी कहा जा रहा है, ऐसी स्थिति में ससक्त दावेदारों में से पूर्व विधायक हृदय राम राठिया ने प्रबल दावेदारी की है । क्योंकि जातिगत समीकरण कि यदि बात कि जाये तो गोंड जनजाति के व्होटरों कि आपेक्षा राठिया कंवर जन जातियों कि व्होट बैंक सर्वाधिक है । वहीं भाजपा ने भी उसे गंभीरता से लेते हुए पुराने चेहरे को ही टिकिट देकर चुनाव मैदान में उतारा है । तो ऐसे में सभी दावेदारों में से अधिकांश दावेदार गोंड जन जाती से हैं और एक अकेले हृदय राम राठिया ही हैं जो कि राठिया कंवर जन जाति समाज से हैं । ऐसे में सभी दावेदारों में पूर्व विधायक हृदय राम राठिया के पास नये पुराने कार्यकर्ताओं को मिलाकर आज कि स्थिति में सबसे अधिक कार्यकर्ता वाले नेता माने जाते हैं । वे सीधे तौर पर भाजपा प्रत्यासी सुनीति राठिया को टक्कर दे सकते हैं ।
वहीं लोगों का कहना है कि यदि वर्तमान विधायक कि यदि कटती है और उनके स्थान पर अगर उनकी बहू यशोमति सिंह सिदार को टिकिट देकर चुनावी मैदान में उतरा जाता है, तो शायद यह कहना जल्दबाजी नही होगा कि वे विवाह के पश्चात और खासकर जिला पंचायत के चुवान में कांग्रेस पार्टी में आई हैं । तो उनका भी विरोध हो सकता है और कार्यकर्ताओं को नागावर गुजर सकती हैं । वहीं एक ओर सुरेन्द्र पर भी गौर किया जाये तो वे लगभग सभी विधान सभा चुनाव में नाम मात्र के लिए आगे आते हैं और चुनाव बीतने बाद लगभग क्षेत्र से गायब हो जाते हैं । तो वे भी सायद ही सीट निकाल पायेंगे ऐसा जनता का मानना है । और रही बात विद्यावती सिदार की तो वो भी विगत जिला पंचायत चुनाव में लगभग चार हजार व्होटों से चुनाव हार चुकीं हैं । तो क्या वह विधान सभा चुनाव में पार्टि यदि उन्हें टिकिट देकर चुनाव मैदान में उतारती है तो क्या वो चुनाव जीत पायेंगी इसे लेकर बड़ी प्रश्न चिन्ह खड़ी है ? इन तमान पहुलुओं पर यदि ध्यान दिया जाये तो पूर्व विधायक हृदय राम राठिया ही भाजपा प्रत्यासी श्रीमति सुनीति राठिया को मात दे सकते हैं । अब यह देखना होगा कि पार्टी किसे टिकिट देकर चुनाव मैदान में उतारती है । और कौन भाजपा प्रत्यासी को हरा पायेगा यह तो आने वाले समय में ही पता चल सकेगा।