इंसानियत की ड्यूटी _ शव के अंतिम संस्कार के लिए बच्चे सक्षम नहीं होने पर टीआई जूटमिल ने दिखाई मानवता, स्टाफ के साथ शव का कराये अंतिम संस्कार।

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By Dipak Rathia

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इंसानियत की ड्यूटी _ शव के अंतिम संस्कार के लिए बच्चे सक्षम नहीं होने पर टीआई जूटमिल ने दिखाई मानवता, स्टाफ के साथ शव का कराये अंतिम संस्कार

मृतक के दोनों बच्चों को दिल्ली पहुंचाने की भी कराये व्यवस्था।

28 जुलाई, रायगढ़। रायगढ़ पुलिस ने एक दफा फिर मानवता दिखाई है जिसकी  आमजन तारीफ करते नहीं थक रहे । दरअसल थाना जूटमिल क्षेत्र अंतर्गत बेनी कुंज अपार्टमेंट सावित्री नगर में रहने वाला विनय प्रकाश जायसवाल (उम्र करीब 54 वर्ष) मूलत: गांधीनगर दिल्ली के रहने वाले थे। दिल्ली से आकर पहले रायपुर में व्यवसाय कर रहे थे उसके बाद बिजनेस में नुकसान होने से बेटा (22 साल) और बेटी (20 साल) के साथ रायगढ़ आकर रहने लगे थे । एकाएक विनय जायसवाल के परिवार में कई सारी विपत्तियां आने लगी, वे स्वयं बीमार पड़ने लगे । उनके बेटे और बेटी भी गंभीर बीमार से जूझ रहे हैं । पिछले कुछ दिनों से विनय जायसवाल मेडिकल कॉलेज रायगढ़ में भर्ती थे, कल उनका निधन हो गया । दिल्ली में उनके परिचित को विनय जायसवाल के मौत की सूचना पर वे रायगढ़ आये।

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मृतक विनय जायसवाल के दोनों बच्चों की स्थिति ऐसी नहीं थी कि वे पिता का अंतिम संस्कार करा पाये इसलिए वे शव को मेडिकल कॉलेज में छोड़कर जा रहे थे । थाना प्रभारी जूटमिल को मेडिकल कॉलेज से सूचना मिलने पर अस्पताल पहुंचे । मृतक के वारिसानों की स्थिति देखकर समझ चुके थे कि शव का अंतिम संस्कार पुलिस को कराना पड़ेगा । तब उन्होंने मृतक के बेटे-बेटियों को अंतिम संस्कार तक रूकने के लिये मनाये और हिन्दु प्रथा के अनुसार शव का कयाघाट मुक्तिघाम में अपने स्टाफ के साथ अंतिम संस्कार कराया गया । जिसके बाद मृतक विनय जायसवाल के दोनों बच्चों को दिल्ली पहुंचाने वाहन की व्यवस्था कराये और आर्थिक सहयोग कराया गया। खाखी अफसर की फर्ज के साथ इंसानियत की ड्यूटी की लोगों द्वारा उन्मुक्त कंठ से प्रशंसा की जा रही है।

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Dipak Rathia

हेल्लो मेरा नाम दीपक राठिया है, मैं खबर सचतक का सह संपादक हूँ।

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