रायगढ़: जिले के ग्राम पाली और देलारी, तहसील और जिला रायगढ़ में स्थित मेसर्स मां काली अलायज उद्योग प्राइवेट लिमिटेड अपने स्टील प्लांट के विस्तार की योजना बना रही है। इस विस्तार में स्पॉन्ज आयरन उत्पादन की क्षमता 60,000 TPA से बढ़ाकर 4,06,500 TPA की जाएगी। इसके साथ ही, WHRB आधारित पावर प्लांट की क्षमता 4 MW से 34 MW, FBC आधारित पावर प्लांट की क्षमता 4 MW से 24 MW, और इंडक्शन फर्नेस के माध्यम से हॉट बिलेट्स/एमएस बिलेट्स/इंगॉट्स की उत्पादन क्षमता 56,000 TPA से बढ़ाकर 3,72,800 TPA की जाएगी।
रायगढ़ जिले में पहले से ही कई औद्योगिक परियोजनाएं चल रही हैं, और अब इस नए विस्तार से पर्यावरणीय संकट और स्थानीय जीवन पर खतरे की आशंका और बढ़ गई है। यह आवश्यक है कि प्रशासन और संबंधित विभाग इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें और विस्तार से पहले ग्रामीणों की चिंताओं और पर्यावरणीय प्रभावों का उचित समाधान निकाला जाए।
रायगढ़ पहले से ही औद्योगिक प्रदूषण से जूझ रहा है। पिछले कुछ वर्षों में कई बड़े उद्योगों की स्थापना के बाद, स्थानीय रहवासियों को हवा, पानी, और मिट्टी के प्रदूषण का सामना करना पड़ा है। प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य समस्याओं में वृद्धि, जल स्रोतों का दूषित होना, और कृषि भूमि की उर्वरता में कमी जैसी समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं।
ग्रामीणों का विरोध और नाराज़गी
इस प्रस्तावित विस्तार और नई इकाइयों की स्थापना से स्थानीय ग्रामीणों में नाराज़गी है। आसपास के गांवों के निवासी पहले से ही उद्योगों के कारण हो रहे प्रदूषण से परेशान हैं और अब इस नए विस्तार से उनका जीवन और कठिन हो जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि इस क्षेत्र के जल, जंगल, और जमीन पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। वन्य जीवों के लिए यह विस्तार खतरा पैदा कर सकता है, जिससे उनका प्राकृतिक आवास नष्ट हो जाएगा।
24 अक्टूबर को लोक सुनवाई
इस विस्तार के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु 24 अक्टूबर 2024 को सुबह 11 बजे से ग्राम पाली में ए. पी. एस. कोल डिपो के समीप लोक सुनवाई का आयोजन किया जाएगा। ग्रामीणों ने विरोध दर्ज कराने की तैयारी कर ली है और इस सुनवाई में अपनी आपत्तियों को पुरजोर तरीके से उठाने की योजना बना रहे हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन और उद्योग प्रबंधन इस विरोध को कैसे संबोधित करते हैं और क्या समाधान निकलता है।