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रायगढ़ । बच्चे अपने आसपास के वातावरण को प्रत्यक्ष देखकर व अनुभव कर सीखें इसके लिए प्राथमिक व माध्यमिक शाला के शिक्षकों ने बच्चों को केलो डेम का भ्रमण करवाया।बांध कैसे बनाया जाता है ,बांध बनने से आसपास के लोगों का जीवन कैसे प्रभावित होता है व इसके फायदे लोगों को कैसे पहुँचता है इस पर बच्चों ने व शिक्षकों ने वहाँ के स्थानीय लोगों से बातचीत किया।बच्चे जब पुस्तकीय ज्ञान को प्रत्यक्ष अनुभव से सीखते हैं तो उनका सीखना स्थायी होता है।
आज की नई शिक्षा नीति भी बच्चे को अनुभव से सीखने पर जोर दे रही है और यह रटंत प्रणाली से मुक्त होता है।केलो डेम रायगढ़ की जीवनदायिनी नदी केलो नदी को बांध बनाकर बनायी गयी है।इससे नहर बनाकर 175 गाँव तक इसे पहुँचाया गया है इसकी सिंचाई क्षमता 22810 हेक्टेयर है।इससे लाखों किसान लाभान्वित हो रहे हैं।भविष्य में इससे जल विद्युत की योजना भी बनाई जा रही है।एक ओर जहाँ फायदे होते हैं वहाँ नुकसान भी हैं।स्थानीय लोगों ने बताया कि यहाँ के पाँच गाँव को बांध बनाने के लिए विस्थापित किया गया।इससे इन लोगों का जनजीवन प्रभावित हुआ।कहते भी हैं कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है।बांध को देखने लाखों लोग आते हैं अतः इस जगह को पर्यटन की दृष्टि से मनोरंजक व आनंदायी बनाया गया है।जहाँ बच्चे इस सुखद वातावरण में खेल कूदकर तनाव मुक्त हुए।यह शैक्षणिक यात्रा वास्तव में बच्चों के शैक्षिक,मानसिक ,बौद्धिक व शारिरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा।