खबर सचतक घरघोड़ा : अचार संहिता के लगे ग्यारह दिनों बाद भी नही हटा पायी निर्वाचन से जुड़े स्क्वायड की टीम दे रहे है राजनीतिक संरक्षणआचार संहिता लगने के बाद जिले के विभिन्न तहसीलों से अजब गजब का कारनामा सामने आ रहा हैं निर्वाचन के कार्यो जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही मानो दीया तले अंधेरे की कहावत को उजागर कर रहा है। जिसमें घरघोड़ा जनपद में अध्यक्ष उपाध्यक्ष के पदनाम वाले बोर्ड को 11 वें दिन तक हटा नही पाए। अब मामला तूल पकड़ते ही निर्वाचन अधिकारी बोर्ड हटाने एवं नोटिस जारी करने की बात कही जा रही हैं।आपको बता दे कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव का बिगुल 9 अक्टूबर को बज गया है। दो चरणों मे चुनाव होना है। आचार संहिता लगे आज 11 वां दिन है। इन दिनों में निष्पक्ष चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग के निर्देश पर शासन के योजनाओं से लेकर पदनाम,सरकारी वाहन,पुल पुलिया में अंकित शिलान्यास – लोकार्पण पटल तक के नाम को ढका जा रहा है। लेकिन यह केवल बाहरी आवरण की भांति नजर आ रहा है। दरअसल इसमें कुछ जनपदो में लापरवाही बरती जा रही है। जिसमे घरघोड़ा जनपद में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चेंबर के बाहर उनका पदनाम तक उल्लेख है कायदें से उसे ढकना था।किंतु उक्त दफ्तर में प्रतिदिन अधिकारी कर्मचारियों तथा सीईओ का आना जाना है फिर भी इस ओर ध्यान न देना या उक्त बोर्ड को नही हटाना उनके कार्यप्रणाली में सवालियां निशान लगा रहा हैं। यहां यह भी बताया जाना लाजमी होगा कि उक्त जनपद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के विरुद्ध उनके ही दल के पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लेकर आये हैं। जिसमें मतदान के लिए कलेक्टर ने तारीख भी तय कर दिए थे।
इसके उपरांत सम्बंधित जनप्रतिनिधियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाए। जिसमें न्यायलय ने फौरी तौर पर रोक लगाते हुए जवाब-तलब की है। बहरहाल इसे लेकर अब जनपद से लेकर जिला मुख्यालय के राजनीतिक गलियारों में चर्चा का माहौल बनाकर रख दिया है।चेंबर के बाहर उल्लेखित प्रवेश निषेध का चस्पा कागज बना चर्चा का विषयहाल ही में अपने विरोध में आए अविश्वास प्रस्ताव के बाद घरघोड़ा जनपद अध्यक्ष सहोद्रा राठिया, उपाध्यक्ष ममता अशोक पंडा अपने अधिवक्ता के माध्यम से उच्च न्यायालय चले गए यहां जाते ही राहत भी मिल गई। लेकिन इसके उपरांत इसी चुनाव के माहौल मेंदोनो ने अपने चेंबर के बाहर बिना अनुमति प्रवेश निषेध का कागज तक लगा दिए है। जनपद के ग्रामीण व बीडीसी इसे लेकर काफी नाराज है उनका कहना है कि वे जनप्रतिनिधि है उनका चेंबर हर वक्त जनता जनार्दन के लिए खुला रहना चाहिए। इस तरह तंज भी कस रहे है।वर्जनइस तरह का कृत्य आचार संहिता का उलंघन है। इस सम्बंध में उक्त पदनाम वाले बोर्ड को हटाया जाएगा और सम्बंधित एवं विभाग के प्रमुख को नोटिस भी जारी की जायेगी।डिगेश पटेल, सहायक निर्वाचन अधिकारीधरमजयगढ़ अनुविभाग।