पिछले सात दशको से अनवरत जारी है जूटमिल में रथोत्सव की परंपरा…
रायगढ़: प्रत्येक वर्षों की भांति इस वर्ष भी बड़े ही हर्षो उल्लास के साथ जुटमिल में रथोत्सव मेला का आयोजन दिनांक 10/07/2024 को बुधवार साम 4 बजे से 8 बजे तक सुनिश्चित किया गया है। जिले में रथ यात्रा की परंपरा कई दशक पुरानी है। रायगढ़ में जगन्नाथ पुरी धाम की तर्ज पर रथोत्सव मेला का आयोजन सर्वप्रथम रायगढ़ रियासत के राज घराने द्वारा प्रारंभ किया जो कि अब भी पूरी श्रद्धा और हर्ष उल्लास के साथ अनवरत जारी है! राज घराने से शुरुआत की गई परंपरा का अनुसरण करते हुए धीरे धीरे वर्तमान में लगभग जिले के हर मोहल्ले और गांव में रथ यात्रा आयोजन होने लगा है।
जबकि लगभग सात दशक पूर्व एक समय था जब रायगढ़ में केवल दो ही जगह पर रथयात्रा होती थी, जिसमे पहला राजापारा और दूसरा जुटमिल था। राज घराने के बाद दूसरा रथोत्सव मेला का आयोजन जूटमिल के प्रख्यात पंडित स्व. शंकर आचार्य ने लगभग 69 वर्ष पहले शुरू किया था, तब से लेकर अब तक पुरोहित जी द्वारा शुरू की गई रथोत्सव मेला की परंपरा अनवरत जारी है। पुरोहित स्व. शंकर आचार्य जी स्वर्गवास के उपरांत उनके छोटे सुपुत्र पं.श्री मनोहर आचार्य जी द्वारा पिछले 30 वर्षों से रथ मेला आयोजन की जिम्मेदारी संभालते हुए रथोत्सव की परंपरा को कायम रखा है।
प्रत्येक वर्ष जूटमिल में पूर्ण श्रद्धा व हर्षो उल्लास के साथ रथ यात्रा का आयोजन होता आ रहा है! जूटमिल के ऐतिहासिक रथ उत्सव में श्रद्धालुओं की भी प्रत्येक वर्ष भारी भीड़ देखने को मिलती है, जहां भगवान जगन्नाथ, बलराम और माता सुभद्रा के दर्शन और आशीर्वाद पाने श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ पड़ता है। इसी कड़ी में प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी रथ यात्रा का आयोजन 10 जुलाई 2024 दिन बुधवार शाम 4:00 बजे से 8:00 बजे तक सुनिश्चित किया गया है।