“सरकार” ही “गिरफ्तार” झारखंड के 6 में से 3 सीएम को जाना पड़ा “जेल”…पढ़े ये खबर

By Khabar SachTak Desk

Published on:

Follow Us
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

खबर सचतक: जिले का सबसे तेज न्यूज नेटवर्क

चार साल तक सरकार चलाने के बाद कथित जमीन घोटाले में घिरे हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटना पड़ा। 6 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया। 15 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आए झारखंड में अब तक 6 नेता सीएम बने और इनमें से तीन की गिरफ्तारी हो चुकी है।

IMG 20240201 WA0189

ढाई दशक के इतिहास में झारखंड में अब तक तीन बार राष्ट्रपति शासन भी लग चुका है, जबकि एक ही सीएम रघुबर दास 5 साल का कार्यकाल पूरा कर पाए।झारखंड में अब तक 6 छह मुख्यमंत्री बने हैं इनमें से तीन गिरफ्तार हुए। हेमंत सोरेन से पहले उनके पिता शिबू सोरेन और मधु कोड़ा गिरफ्तार हो चुके हैं। बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा और रघुवर दास को ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा। तीनों बीजेपी के ही मुख्यमंत्री रहे हैं।मधु कोड़ा को क्यों जाना पड़ा था जेल?मुख्यमंत्री रहते हुए मधु कोड़ा भ्रष्टाचार के केस में फंस गए थे। 2006 से 2008 तक यूपीए के साथ गठबंधन सरकार चलाने वाले मधु कोड़ा ‘को जेल जाना पड़ा था। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगे थे। कोड़ा कथित तौर पर माइनिंग घोटाले में शामिल थे। सीबीआई और ईडी ने आरोप लगाया कि कोयला खदानों के आवंटन के बदले कोड़ा ने सीएम रहते रिश्वत ली थी एक रिपोर्ट के मुताबिक कोडा और उनके सहयोगियों ने इस तरह 4 हजार करोड़ रुपए कमाए।

एक मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनकी 144 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई थी। 2009 में गिरफ्तारी के बाद कोड़ा को 2013 में जमानत मिली। 2017 में उन्हें दोषी करार दिया गया और 25 लाख जुर्माने के साथ 3 साल की सजा सुनाई गई। उन्हें हवाला लेनदेन के चार और केस और आय से अधिक संपत्ति वाले मामले में भी दोषी करार दिया गया।शिबू सोरेन भी हो चुके गिरफ्तारहेमंत सोरेन के पिता और पूर्व सीएम शिबू सोरेन को भी गिरफ्तार हो चुके हैं। शिबू सोरेन को दिल्ली की एक अदालत ने 5 दिसंबर 2006 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। 1994 में उनके निजी सचिव शशि नाथ झा की हत्या के मामले में उन्हें दोषी बताया गया था। शिबू सोरेन उस वक्त मनमोह सिंह सरकार में कोयला मंत्री थे। हालांकि, 2007 में दिर्ल हाई कोर्ट ने शिबू सोरेन को बरी कर दिया था और सबूतों के अभाव को लेकर सीबीआई की खिंचाई की थी। अप्रैल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था।

Khabar SachTak Desk

[KhabarSachTak.In] एक हिन्दी न्यूज़ पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से आप एजुकेशन, बॉलीवुड, मनोरंजन, खेल-कूद, बिजनेस और लोकल न्यूज़ जैसे खबरों को पढ़ सकते हैं।

Leave a Comment